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पूर्व प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बेटे संजय गांधी (Sanjay Gandhi) राजनीति में बहुत सक्रिय हुआ करते थे। जबकि राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का राजनीति से कोई लगाव नहीं था। यही कारण था कि इंदिरा गांधी भी संजय के जरिये अपनी राजनीति की विरासत को आगे बढ़ाने का सपना देखती थीं। इंदिरा गांधी इमरजेंसी के बाद चुनाव हार गई थीं, लेकिन एक बार फिर वह सत्ता हासिल करने में कामयाम तो हो गई थीं, लेकिन दुर्भाग्य से उनके सत्ता में वापस आने के पांच महीने बाद ही संजय की सफदरजंग हवाई अड्डे के पास प्लेन दुर्घटना में मौत हो गई थी। संजय की मौत के समय उनकी पत्नी मेनका गांधी (Manika Gandhi) मात्र 23 साल की थीं। संजय की मौत के बाद मेनका के संघर्ष के दिन शुरू हुए थे। ससुराल छोड़कर जाने के बाद मेनका की जिंदगी में बहुत सी बाधाएं सामने खड़ी थीं। मेनका ने एक इंटरव्यू में पति के मौत के बाद के संघर्ष को बयां किया था। आइए आपको भी बताएं।
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2003 में सिमी गरेवाल ने अपने टॉक शो 'रेंडीज़वस विद सिमी गरेवाल' में मेनका गांधी ने अपने जीवन के इस सबसे दुखद पहलू पर लंबी चुप्पी तोड़ी थी।
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राजीव गांधी जब शोक व्यक्त कर बाहर आए तो देखा कि घर के बारह सुरक्षाकर्मियों की कारों का रेला लगा हुआ है। जबकि राजीव, सोनिया के साथ घूमने का प्लान बनाए बैठे थे। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/when-sonia-gandhi-had-given-an-ultimatum-to-separate-from-rajiv-gandhi-she-was-ready-to-go-to-italy/1742576/"> जब सोनिया गांधी ने राजीव गांधी को दे दिया था अलग होने का अल्टीमेटम, इटली जाने के लिए हो गई थीं तैयार</a> )
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मेनका ने बताया था कि वह बहुत साधारण परिवार से आती थीं, ऐसे में उनके पास सबसे पहले अपने जीवन-यापन को लेकर संघर्ष करना था। उस वक्त वरुण गांधी मात्र तीन महीने के थे।
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मेनका ने बताया कि संजय का ट्रक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस था और उनके पास 25 ट्रक हुआ करते थे। धीरे-धीरे मेनका ने सभी ट्रकों को अपने जीवन यापन के लिए बेच दिए थे। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/after-sanjay-gandhi-death-rajiv-gandhi-wife-and-congress-president-sonia-gandhi-had-an-idea-of-the-end-of-happiness/1738854/ "> संजय गांधी की मौत के बाद ही सोनिया गांधी को हो गया था खुशियों के अंत का अंदाजा, इस बात से थीं कांग्रेस अध्यक्ष चिंतित </a> )
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मेनका ने बताया था कि वह किराए पर एक कमरे के मकान में रही थीं और वरुण ने हमेशा यही जाना था कि वह एक गरीब परिवार में जन्मा है।
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मेनका ने बताया कि उनको उम्मीद थी कि कभी उनकी सास इंदिरा गांधी उन्हें वापस लेकर ससुराल जांएगी, लेकिन ये उम्मीद भी 1984 में तब टूट गई जब इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी। (<a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/rajiv-gandhi-wife-sonia-gandhi-had-said-that-gandhi-is-a-name-that-carries-responsibility-and-also-curses/1737785/ "> ‘गांधी ऐसा नाम है जो जिम्मेदारी भी ढोता है और लानत भी’, कांग्रेस अध्यक्ष न बनने के लिए जब सोनिया गांधी ने दी थी दलील </a> )
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बता दें कि इसके बाद मेनका ने खुद संघर्ष किया और बीजेपी ज्वाइन की। साथ ही वह किताबें भी लिखने लगी थीं। (All PhotoS: PTI)
